किस्मत पर भरोसा कर के चलने वाले अपनी किस्मत से ज्यादा नहीं प्राप्त नहीं कर पाते लेकिन मेहनतकश आदमी अपने दम पर खुद अपनी किस्मत बनाता है, फिर किस्मत उसे उसकी इच्छाओं के हिसाब से सफलता देती है. ऐसे कई उदाहरण हमारे पास हैं जहां लोगों ने अपनी मेहनत के दम पर अपनी किस्मत में लिखी गरीबी को मिटाया और अपने लिए एक उज्ज्वल भविष्य बनाया.
चित्रकूट के बृजेश त्रिपाठी भी ऐसा ही एक उदाहरण हैं, जिन्होंने एक बार फिर से साबित किया कि इंसान चाह ले तो कुछ भी असंभव नहीं.
एक मजदूर कैसे बना एक कंपनी का मालिक?
बृजेश त्रिपाठी ने एक मजदूर के रूप में काम करना शुरू किया. जैसे तैसे कर उन्होंने पहले एक छोटा सा व्यापार शुरू किया और फिर अपनी मेहनत और जुनून के दम पर उसे आज लाखों रुपयों की कंपनी में बदल दिया. एक समय था जब बृजेश त्रिपाठी अपने गांव-घर से दूर जा कर फैक्ट्री में मजदूरी का काम किया करते थे.
भले ही बृजेश मजदूरी कर रहे थे लेकिन उन्हें ये पता था कि इससे वो अपने और आपने परिवार का भविष्य नहीं सुधार पाएंगे. इसके बाद उन्होंने हिम्मत दिखाई और दूसरे जिलों से मसाले ला कर उन्हें साइकिल पर बेचना शुरू किया. पहले वो कम मात्रा में मसाले लाते थे लेकिन धीरे धीरे उन्होंने इस व्यापार को समझा और अपनी लगन के दम पर लाखों रुपये के मालिक बन गए.
आज की तारीख में बृजेश प्रिया मसाले इण्डस्ट्रीज के मालिक हैं. आज उनकी फैक्ट्री में बनने वाले प्रोडक्ट उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी बेचे जा रहे हैं.
जेब में थे मात्र 200 रुपये
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, प्रिया मसाले इण्डस्ट्रीज के मलिक बृजेश त्रिपाठी का कहना है कि उन्होंने बाहर जाकर फैक्ट्री में मजदूरी का काम किया. वहां से वह 200 रूपए लेकर चित्रकूट लौटे थे. इसके बाद उन्होंने अपने कुछ जानकारों से थोड़े पैसे उधार लिए और कानपुर से थोड़ा बहुत मसाला लाना शुरू कर दिए.
वह ये मसाले साइकिल से घूम घूम कर बेचा करते थे. काम की समझ आने के साथ साथ उन्होंने इसे धीरे धीरे बढ़ाना शुरू किया. उन्होंने अपने काम में पूरी लगन से मेहनत की. जिसकी वजह से आज वह अपनी खुद की इण्डस्ट्रीज के मलिक बन चुके है.
आज प्रिया मसालों की है अलग पहचान
उन्होंने बताया कि उनकी इण्डस्ट्रीज में मसालों के अलावा आचार, अगरबती, चाय पत्ती जैसे प्रोडक्ट को मिलाकर 60 से 70 प्रोडक्ट तैयार हो रहे हैं. ये सब एमपी, यूपी,सहित हरियाणा बिहार में भी बेचे जा रहे हैं. खुद का व्यापार बढ़ाने के साथ साथ उन्होंने कई लोगों को रोजगार भी दिया.
उनका कहना है कि जिले में ही फैक्ट्री हो जाने से लगभग दो दर्जन लोगों को उनके यहां रोजगार मिला है. आज बृजेश मसाला बिजनेस से बहुत अच्छा कमा रहे हैं. उनका ये सफर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रेरित करने वाला है.