जीन (Gene) और Genome (जीनोम) आपको सुनने में एक ही तरह के शब्द लगते हैं, लेकिन इनमें बहुत अंतर है. जहां जीन DNA का एक खंड...
लेख– ध्रुव तिवारी दुनिया का कोई भी देश दंगों से अछूता नहीं रह पाया है. एक सभ्य समाज कभी भी दंगों की कल्पना नहीं कर सकता,...
“ऐ दाई, जल्दी उठ ना.” आखरी सांसें गिन रहा इंसान जिस तरह ज़िंदगी से लड़ने की नाकाम कोशिश करता है उसी तरह रह रह कर छोटी...
वीर इस धरा की शोभा माने जाते हैं. उनकी वीर गाथाओं को हमेशा याद रखा जाता है. कुछ को किताबों में सहेजा जाता है तो कुछ...
देशभक्ति का जज्बा हर उम्र के देशवासी की रगों में उबाल ला देता है. बात जब देश की आन पर आ जाए तो क्या बच्चा क्या...
शहर भर के सभी बाजार दुल्हन की तरह सजे हुए थे. लोगों की भीड़ ने बाजार में खड़े होने जितनी जगह नहीं छोड़ी थी. रंगबिरंगे लिबास...
आप किसी बड़े शहर के स्टेशन पर चले जाइए तो आप सही सही ये पहचान नहीं सकते कि कौन यहां का है और कौन बाहर से...
जेल जाना केवल एक सज़ा नहीं बल्कि सामाजिक बहिष्कार है. जेल को सुधारगृह भी कहा जाता है लेकिन हकीकत तो ये है कि जेल की कैद...
दौर चाहे पुरुष प्रधान हो या फिर महिला सशक्तिकरण का, बिना स्त्री-पुरुष के साथ के हम समाज की कल्पना नहीं कर सकते. इसीलिए तो कहा जाता...
आज हम जिस नायक की कहानी आपको सुनाने जा रहे हैं उन्होंने अपने देश, अपनी भारत माता के लिए जो किया वो उस समय के युवाओं...