मध्य प्रदेश के अशोक नगर की 43 वर्षीय सरोज प्रजापति ने अपने बेटे अमित प्रजापति के साथ मिलकर एक अद्भुत सफलता की कहानी लिखी है। अपने छोटे से निवेश ₹4,000 से शुरू किया गया ‘मॉम्स मैजिक पिकल इंडिया’ अब हर महीने ₹2.5 लाख की कमाई कर रहा है।
कैसे हुई ‘मॉम्स मैजिक पिकल इंडिया’ की शुरुआत?
सरोज ने अपने बिजनेस की शुरुआत किचन से की थी। अपने जीवन के सबसे मुश्किल समय में भी, सरोज ने हार मानने की बजाय अपने सपनों को साकार करने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने अचार को विशेष बनाने के लिए सभी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया और बिना किसी केमिकल या प्रिजर्वेटिव के अचार बनाए।
सरोज के 19 वर्षीय बेटे अमित प्रजापति ने इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमित ने अपनी मां के ब्रांड ‘मॉम्स मैजिक पिकल इंडिया’ को सोशल मीडिया पर प्रमोट किया। उन्होंने ब्रांड के लिए एक प्रभावी डिजिटल मार्केटिंग रणनीति बनाई, जिससे उन्हें पहले ही महीने में पहला ऑर्डर मिल गया।
काम कर गया आइडिया और बदल गई मां-बेटे की जिंदगी
आज अमित ब्रांड के डिजिटल मार्केटिंग और ब्रांड बिल्डिंग के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम बन चुके हैं। कहानी यहीं खत्म नहीं होती। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जैसे-जैसे सरोज के अचार की मांग बढ़ी, उन्होंने अपने व्यवसाय का विस्तार किया। उन्होंने एक बड़ा उत्पादन स्थल स्थापित किया।
जानकारी के मुताबिक सरोज ने 30 स्थानीय महिलाओं को रोजगार दिया। बता दें, एक बेहद आम परिवार से आती हैं। उनका जन्म मध्य प्रदेश के बरखेड़ी गांव में हुआ था, जहां उनके माता-पिता किसान थे। शिक्षा के सीमित अवसरों के बावजूद, सरोज ने अपने परिवार के साथ खेतों में अचार बनाना सीखा।
खुद कभी स्कूल नहीं गईं, आज दूसरों को रोजगार दे रही हैं
अपनी किशोरावस्था में, उन्होंने कच्चे आम का पहला अचार बनाया था। इसे बनाने में उन्हें जो आनंद मिला, वही आनंद आज उनके सफल अचार व्यवसाय की नींव बन गया। सरोज की शादी 20 साल की उम्र में हुई थी और उसके बाद वह शाडोरा चली गईं। परिवार की जिम्मेदारियों और बच्चों की देखभाल के साथ-साथ सरोज ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे आठ साल तक गांव की सरपंच भी रहीं, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के बाद उन्होंने अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाया।
अब, आम के अचार से शुरुआत करके, उन्होंने हरी मिर्च, नींबू, मिक्स सब्जी और मीठे आम जैसे विभिन्न अचार भी बनाना शुरू कर दिया है। सरोज प्रजापति की सफलता की कहानी एक प्रेरणा है कि किस प्रकार एक साधारण शुरुआत से एक बड़ी सफलता की ओर बढ़ा जा सकता है।
मां और बेटे की इस जोड़ी के जुनून और समर्पण को सलाम
इस मां-बेटे की जोड़ी ने अपने जुनून और समर्पण से साबित कर दिया कि अगर मन में ठान लिया जाए तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। उनके प्रयासों और मेहनत की कहानी निश्चित रूप से हमें प्रेरित करती है और दिखाती है कि सच्ची मेहनत और लगन से क्या कुछ नहीं किया जा सकता।