उत्तराखंड सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए 360 डिग्री ऑपरेशन जारी है.रेस्क्यू ऑपरेशन में हर मोड़ पर नई चुनौतियां सामने आ रही हैं. परिणाम स्वरूप पिछले 16 दिनों से मजदूरों सुरंग के अंदर ही हैं. जानकारी के मुताबिक अमेरिकी ऑगर ड्रिल मशीन के मलबे में फंसने के बाद उत्तरकाशी साइट पर मैनुअल ड्रिलिंग शुरू होने वाली है. इससे पहले सामने के सिरे पर एक रोटरी ब्लेड के साथ एक कॉर्कस्क्रू जैसा उपकरण के इस्तेमाल के जरिये 46 मीटर से अधिक मलबे को ड्रिल किया गया था.
जैसे-जैसे मशीन ड्रिल करती गई, बाहर निकालने का रास्ता बनाने के लिए पाइपों को अंदर डाला गया. कुछ दिन पहले ऐसा लग रहा था कि ऑपरेशन जल्द ही पूरा हो जाएगा, लेकिन ड्रिल में रुकावट ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया. करीब 14 मीटर की ड्रिलिंग बाकी रह गई थी कि मशीन का ब्लेड मलबे में फंस गया और ड्रिल टूट गई. 25 टन की ऑगर मशीन के खराब होने के बाद रेस्क्यू टीमों ने एक साथ कई नई रणनीतियां अपनाने का फैसला किया. मैनुअल ड्रिलिंग का उद्देश्य ऑगर ड्रिल मशीन द्वारा शुरू किए गए कार्य को पूरा करना है.
इस कार्य के लिए 11 लोगों की एक टीम दिल्ली से भेजी गई है. इनमें छह विशेषज्ञ और पांच अन्य रिजर्व में शामिल है. रेस्क्यू टीम ने कहा कि वे मैन्युअल रूप से मलबा हटाने के लिए 800 मिमी पाइप के अंदर जाएंगे.