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UCC क्या है, 100 साल से भी ज्यादा पुराना है इतिहास, इसको लेकर आंबेडकर-नेहरू में मतभेद थे?

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यूनिफॉर्म सिविल कोड को आसान भाषा में बताया जाए तो इस कानून का मतलब है कि देश में सभी धर्मों, समुदाओं के लिए कानून एक समान होगा. उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने 4 फरवरी 2024 को (UCC) के मसौदे को मंजूरी देकर इसे एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया है. वैसे यह मुद्दा नया नहीं है. करीब एक सदी से भी ज्यादा समय से यह राजनीतिक नरेटिव और बहस के केंद्र बना हुआ है और बीजेपी के एजेंडा में रहा है.

भाजपा 2014 में सरकार बनने से ही UCC को संसद में कानून बनाने पर जोर दे रही है. भाजपा सत्ता में आने पर UCC को लागू करने का वादा करने वाली पहली पार्टी थी और यह मुद्दा उसके 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र का हिस्सा था. पीएम मोदी ने UCC की पुरजोर वकालत करते हुए विरोधियों से सवाल किया कि दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा? उन्होंने साथ ही कहा कि संविधान में भी सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार का उल्लेख है. याद रखा जाना चाहिए कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है.

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड का इतिहास?

यूसीसी के इतिहास की बात करें तो यह 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. इसको 19वीं शताब्दी से जोड़कर देखा जा सकता है जब शासकों ने अपराधों, सबूतों और अनुबंधों से संबंधित भारतीय कानून के संहिताकरण में एकरूपता की आवश्यकता पर बल दिया था. हालांकि, तब विशेष रूप से सिफारिश की गई थी कि हिंदुओं और मुसलमानों के व्यक्तिगत कानूनों को इस तरह के कानून से बाहर रखा जाना चाहिए. ब्रिटिश क्योंकि एकेश्वरवादी ईसाई थे, इसलिए उनके लिए भारत में चल रही जटिल प्रथाओं को समझना मुश्किल था.

भारत की स्वतंत्रता के बाद UCC पर अलग-अलग विचार थे. कुछ सदस्यों का मानना ​​था कि UCC भारत जैसे अलग-अलग धर्मों और संप्रदायों वाले देश में लागू करना ठीक या बेहतर नहीं होगा, जबकि अन्य का मानना ​​था कि UCC देश में अलग-अलग समुदायों के बीच एक देश-एक कानून की तर्ज पर सद्भाव लाएगा.

UCC को लेकर आंबेडकर- नेहरू में मतभेद थे?

जानकार बताते हैं कि UCC को लेकर बाबा साहब आंबेडकर और पंडित जवाहर लाल नेहरू की अलग-अलग राय थी.डॉ. बी.आर. अम्बेडकर का इस मुद्दे पर मानना ​​था कि UCC कोई थोपा हुआ नहीं बल्कि केवल एक प्रस्ताव था. वहीं, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का कहना था, ”मुझे नहीं लगता कि वर्तमान समय में भारत में मेरे लिए इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करने का समय आ गया है.” खैर इस सबसे अलग सुप्रीम कोर्ट ने कई ऐतिहासिक निर्णयों में सरकार से UCC को लागू करने का आह्वान किया है और समय-समय पर न्यायालय ने केंद्र सरकार से इस पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

मोहम्मद अहमद ख़ास बनाम शाह बानो बेगम के ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एक तलाकशुदा मुस्लिम महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला दिया और समुदाय के व्यक्तिगत कानूनों की बजाय भारत के कानून CrPC को प्राथमिकता दी थी. इस फैसले में अदालत ने यह भी कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 44 एक बेकार पड़ा हुआ आर्टिकल बनकर रह गया है।

हालांकि देश में एक शहर ऐसा भी है जहां आज या कल से नहीं बल्कि लगभग 150 साल पहले UCC लाया गया था. हम गोवा की बात कर रहे हैं, जहां वर्तमान में, गोवा भारत का एकमात्र राज्य है जहां समान नागरिक संहिता है. इस संहिता की जड़ें 1867 के पुर्तगाली नागरिक संहिता में मिलती हैं, जिसे पुर्तगालियों द्वारा लागू किया गया था और बाद में इसे वर्ष 1966 में नए संस्करण के साथ बदल दिया. गोवा में सभी धर्मों के लोगों के लिए विवाह, तलाक, विरासत आदि के संबंध में समान कानून हैं. इसी क्रम में अब पूरे देश में इसे लागू करने की मांग है

क्यों यह सामाजिक ढांचे के लिए जरूरी है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के भाग 4 में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ शब्द का स्पष्ट रूप से उल्लेख मिलता है। अब अनुच्छेद 44 की मानें तो वो कहता है कि “राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा.” मतलब यह कोड विवाह, तलाक, रखरखाव, विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे क्षेत्रों को कवर करता है. यह सामाजिक ढांचे के लिए इसलिए भी जरूरी बताया जा रहा है.

दरअसल भारत में जाति और धर्म के आधार पर अलग-अलग कानून और मैरिज एक्ट हैं.
इसके कारण सामाजिक ढ़ांचा बिगड़ा हुआ है. वर्तमान समय में लोग शादी, तलाक आदि मुद्दों के निपटारे के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड ही जाते हैं. इसका एक खास उद्देश्य महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित अम्बेडकर द्वारा परिकल्पित कमजोर वर्गों को सुरक्षा प्रदान करना है, साथ ही एकता के माध्यम से राष्ट्रवादी उत्साह को बढ़ावा देना है. जब यह कोड बनाया जाएगा तो यह उन कानूनों को सरल बनाने का काम करेगा जो वर्तमान में धार्मिक मान्यताओं जैसे हिंदू कोड बिल, शरीयत कानून और अन्य के आधार पर अलग-अलग हैं.

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Constitution Day of India: इंद्राणी मुखर्जी का वो काला अध्याय जो हिला गया था देश

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Constitution Day of India

Constitution Day of India: आज संविधान दिवस के मौके पर हम आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहे हैं जो भारत के कानूनी इतिहास में एक काला अध्याय के रूप में दर्ज है। यह कहानी है इंद्राणी मुखर्जी और उनकी बेटी शीना बोरा की, एक ऐसी कहानी जो रहस्य, धोखा और क्रूरता से भरी हुई है।

शीना बोरा कौन थीं?

शीना बोरा इंद्राणी मुखर्जी की बेटी थीं। वह एक खूबसूरत, प्रतिभाशाली और महत्वाकांक्षी युवती थीं। वह मुंबई मेट्रो वन में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर काम करती थीं। लेकिन उनकी जिंदगी एक रहस्यमयी तरीके से खत्म हो गई।

क्या हुआ था 24 अप्रैल 2012 को?

24 अप्रैल 2012 को शीना बोरा अचानक गायब हो गईं। उनके परिवार और दोस्तों ने उनकी खोज शुरू की लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। पुलिस में भी शिकायत दर्ज की गई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

क्या था सच?

कई सालों तक यह रहस्य बना रहा। लेकिन 2015 में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस ने इंद्राणी मुखर्जी को गिरफ्तार किया और आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी ही बेटी शीना बोरा की हत्या कर दी थी।

क्या था हत्या का कारण?

पुलिस की जांच में सामने आया कि इंद्राणी मुखर्जी को शीना बोरा का रिश्ता पसंद नहीं था। शीना बोरा अपने प्रेमी राहुल मुखर्जी के साथ रह रही थीं, जो इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति पीटर मुखर्जी के बेटे थे। इंद्राणी मुखर्जी इस रिश्ते से खुश नहीं थीं और उन्होंने शीना बोरा को खत्म करने का फैसला किया।

कैसे की गई थी हत्या?

पुलिस के मुताबिक, इंद्राणी मुखर्जी ने अपने ड्राइवर शाम्वर राय की मदद से शीना बोरा का अपहरण किया और फिर उनकी हत्या कर दी। उन्होंने शीना बोरा के शव को जला दिया और उसके अवशेषों को मुंबई के पास के जंगल में फेंक दिया।

क्या था सबूत?

पुलिस ने कई सबूत जुटाए, जिनमें शामिल थे:

  • शीना बोरा के मोबाइल फोन के रिकॉर्ड्स
  • इंद्राणी मुखर्जी के फोन कॉल रिकॉर्ड्स
  • शाम्वर राय की बयान
  • जंगल में मिले हड्डियों के अवशेष

इन सबूतों के आधार पर पुलिस ने इंद्राणी मुखर्जी और शाम्वर राय को गिरफ्तार किया। बाद में, इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया।

क्या हुआ कोर्ट में?

इंद्राणी मुखर्जी, शाम्वर राय और पीटर मुखर्जी के खिलाफ हत्या, अपहरण और साक्ष्य छिपाने के आरोप में मुकदमा चलाया गया। कोर्ट में कई सालों तक सुनवाई चली।

क्या था फैसला?

2022 में कोर्ट ने इंद्राणी मुखर्जी, शाम्वर राय और पीटर मुखर्जी को दोषी करार दिया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।

क्या है अब हालात?

इंद्राणी मुखर्जी, शाम्वर राय और पीटर मुखर्जी फिलहाल जेल में हैं। वे अपनी सजा काट रहे हैं। शीना बोरा के परिवार और दोस्तों को अभी भी इंसाफ की उम्मीद है।

क्या सीख मिलती है इस कहानी से?

यह कहानी हमें सिखाती है कि क्रूरता और धोखा कभी भी अच्छा परिणाम नहीं देता है। हमें हमेशा सच बोलना चाहिए और गलत काम करने से बचना चाहिए। हमें अपने परिवार और दोस्तों का सम्मान करना चाहिए और उनकी खुशी की कामना करनी चाहिए।

यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि कानून सबके लिए समान है। कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। अगर कोई व्यक्ति गलत काम करता है तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए।

संविधान दिवस के मौके पर हमें याद रखना चाहिए कि हमारा संविधान हमें न्याय, समानता और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। हमें इस अधिकार का सम्मान करना चाहिए और अपने देश के कानून का पालन करना चाहिए।

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TrueDNA: भारत की सबसे उन्नत Genomics Services स्टार्टअप

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TrueDNA: India's Most Advanced Genomics Services Startup

आज के समय में Genomics और Precision Medicine के क्षेत्र में भारत में एक नई क्रांति आ रही है, और इस क्रांति का नेतृत्व कर रहा है TrueDNA, जो भारत का सबसे उन्नत Genomics Services स्टार्टअप है। TrueDNA ने नवीनतम तकनीक और AI का उपयोग करते हुए, डेटा विश्लेषण से लेकर व्यक्तिगत और सटीक चिकित्सा तक, हर कदम पर नवाचार किया है।

TrueDNA उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो अपने स्वास्थ्य के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। यह स्टार्टअप Genomics के सभी पहलुओं में विशेषज्ञता प्रदान करता है और लोगों को सटीक चिकित्सा और व्यक्तिगत उपचार में मदद करता है।

TrueDNA की प्रमुख Genomics Services

TrueDNA Genomics Services के क्षेत्र में निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है:

  • Genetic Testing: TrueDNA के द्वारा किए जाने वाले जेनेटिक परीक्षण आपके DNA के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे आपको अपनी स्वास्थ्य स्थिति को समझने में मदद मिलती है।
  • Personalized Medicine: TrueDNA का लक्ष्य है हर व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत चिकित्सा समाधान प्रदान करना, जो उनकी जेनेटिक संरचना पर आधारित होते हैं। इससे रोगों का जल्दी पता चलता है और उपचार के परिणाम अधिक प्रभावी होते हैं।
  • Precision Medicine: यह एक तकनीक है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति की Genomic जानकारी का इस्तेमाल करके उन्हें सटीक इलाज दिया जाता है। Precision Medicine उपचार को अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत बनाता है।
  • Genomic Data Analysis: TrueDNA में डेटा विश्लेषण के लिए अत्याधुनिक AI तकनीक का उपयोग किया जाता है, जो जेनेटिक डेटा का गहन विश्लेषण करके सटीक निष्कर्ष प्रदान करता है।
  • Genetic Counseling: TrueDNA का एक और महत्वपूर्ण पहलू है जेनेटिक काउंसलिंग, जिसमें आपके जेनेटिक डेटा के आधार पर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिमों के बारे में आपको मार्गदर्शन दिया जाता है।
  • Rare Disease Diagnosis: TrueDNA के माध्यम से दुर्लभ बीमारियों का पता जल्दी लगाया जा सकता है, जिन्हें सामान्य परीक्षणों से नहीं पहचाना जा सकता।
  • Genetic Research: TrueDNA Genomics में नवीनतम शोध और प्रयोगों के द्वारा, नए उपचार विकल्पों और बीमारियों के इलाज पर काम करता है।
  • AI & Machine Learning in Genomics: TrueDNA AI और Machine Learning का उपयोग Genomic डेटा के विश्लेषण में करता है, जिससे बेहतर परिणाम और सटीक निष्कर्ष प्राप्त होते हैं।

TrueDNA की सेवाएं भारत के प्रमुख शहरों में उपलब्ध

TrueDNA की Genomics Services अब भारत के हर बड़े शहर में उपलब्ध हैं, जिससे लोग Genomics और Personalized Medicine का लाभ उठा पा रहे हैं। TrueDNA की सेवाएं निम्नलिखित प्रमुख शहरों में उपलब्ध हैं:

  • Delhi
  • Mumbai
  • Bengaluru
  • Kolkata
  • Hyderabad
  • Chennai
  • Pune
  • Gurugram
  • Chandigarh
  • Lucknow
  • Jaipur
  • Indore
  • Ahmedabad

TrueDNA की सेवाएं इन शहरों के नागरिकों के लिए पूरी तरह से सुलभ और सुविधाजनक हैं।

TrueDNA की विशेषज्ञता और तकनीकी पहलू

TrueDNA ने Genomics Services के क्षेत्र में अपने उच्चतम स्तर की सेवाओं के लिए AI और नवीनतम तकनीकी का उपयोग किया है। इसके अलावा, TrueDNA के प्रयोगशाला में उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण और तकनीकी प्रक्रियाएं हैं, जो सभी परीक्षणों को सटीक और विश्वसनीय बनाती हैं।

TrueDNA से संपर्क करें

अगर आप TrueDNA की सेवाओं का लाभ उठाना चाहते हैं या Genomics Services, Personalized Medicine या Precision Medicine के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आप हमसे निम्नलिखित संपर्क विवरणों के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं:

  • ईमेल: contact@truedna.in
  • पता: ANDC Instarts, Govindpuri, Kalkaji, New Delhi-110019

TrueDNA की टीम हमेशा आपके स्वास्थ्य और कल्याण में सहायता के लिए तत्पर है।

निष्कर्ष

TrueDNA ने Genomics Services और Personalized Medicine के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता से एक नई दिशा दी है। AI और अन्य नवीनतम तकनीकों के साथ, TrueDNA अब भारत के विभिन्न शहरों में अपनी सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है। यदि आप अपने स्वास्थ्य के बारे में सटीक जानकारी चाहते हैं और Genomics Services के माध्यम से बेहतर चिकित्सा उपचार की तलाश में हैं, तो TrueDNA आपके लिए सबसे उपयुक्त विकल्प है।

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Independence Day 2024: भारत की स्वतंत्रता की 77वीं या 78वीं सालगिरह? पता करें यहां

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77th or 78th anniversary of India's independence

14 अगस्त 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संसद भवन से भारत के स्वतंत्रता की घोषणा की थी। नेहरू ने ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ नामक भाषण में आज़ादी के बाद के भारत की रूपरेखा प्रस्तुत की। उस दिन, पूरे देश में खुशियों की लहर थी और हर कोई इस ऐतिहासिक घटना का साक्षी बन रहा था। वह पहला दिन था जब भारत ने स्वतंत्रता का जश्न मनाया। नेहरू का वह भाषण आज भी 20वीं सदी का सबसे महान भाषण माना जाता है।

इस साल कौन-सा स्वतंत्रता दिवस मनाएगा भारत?

15 अगस्त 2024 को भारत एक बार फिर अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाने जा रहा है। लोगों के मन में सवाल है कि इस साल 15 अगस्त 2024 को क्या भारत स्वतंत्रता की 77वीं वर्षगांठ मनाएगा या 78वीं? आइए जानते हैं क्यों।

भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की थी और पहले साल, यानी कि 15 अगस्त 1948 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था। इसलिए, 1948 से 2024 तक, इस साल भारत स्वतंत्रता की 77वीं सालगिरह मना रहा है। हालांकि, भारत को आज़ाद हुए 78 साल हो चुके हैं। इसलिए, इस साल भारत 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।

Independence Day Celebration 2024

Independence Day Celebration 2024|Jagran

15 अगस्त 2024 के लिए विशेष तैयारियाँ

15 अगस्त 2024 को भारत स्वतंत्रता के 78 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा। इस साल की थीम ‘विकसित भारत’ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि 2047 तक भारत एक पूरी तरह से विकसित देश बने। इस थीम का मुख्य उद्देश्य इस सपने को साकार करना है।

साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘हर घर तिरंगा’ अभियान इस साल 9 अगस्त से शुरू हो चुका है और 15 अगस्त तक चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य देशवासियों में देशभक्ति की भावना को जागरूक करना और राष्ट्रीय सम्मान को बढ़ावा देना है।

प्रधानमंत्री मोदी का विशेष संबोधन

Independence Day 2024

Independence Day 2024|Unsplash

हर साल की तरह, इस बार भी 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी लाल किला पर तिरंगा फहराएंगे और पूरे देश को संबोधित करेंगे। यह पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला स्वतंत्रता दिवस है और इस साल 15 अगस्त को उनका 11वां संबोधन होगा। इस संबोधन में, पीएम मोदी देश की प्रगति, संस्कृति और सभ्यता पर बात करेंगे, और साथ ही शहीदों और क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देंगे।

इस साल के स्वतंत्रता दिवस की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं और हर घर तिरंगा अभियान भी लोगों के उत्साह को दोगुना कर रहा है। 15 अगस्त 2024 को भारत का स्वतंत्रता दिवस एक बार फिर ऐतिहासिक और मनमोहक होगा।

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Independence Day Wishes & Quotes: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खास नारे और मैसेज जो हर भारतीय के दिल को छू लेंगे

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15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस की खुशी मनाई जाती है। 2024 में, हम अपनी आजादी की 78वीं वर्षगांठ मनाएंगे। 15 अगस्त 1947 को, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश शासन को समाप्त कर देश में भारतीय ध्वज फहराया था। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता हासिल करना आसान नहीं था और इसके लिए कई वीरों ने अपनी जान की बलि दी थी। इस दिन हम उन वीरों की शहादत को सम्मान देते हैं और देशप्रेम की भावना को प्रोत्साहित करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर देशप्रेम की भावना को बढ़ावा देने के लिए उपयोगी नारे

आजादी का जश्न मनाते समय, सही नारे और संदेशों का इस्तेमाल करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। यहाँ पर कुछ प्रेरणादायक स्वतंत्रता दिवस के नारे दिए गए हैं जो आपके उत्सव को और भी खास बना सकते हैं:

“आजादी हमारी विरासत है, और आजादी हमारा गौरव है।”
“हम अपनी स्वतंत्रता की महानता के लिए एकजुट हैं।”
“भगवा, सफेद और हरा – आजादी हमेशा के लिए।”
“आजादी का जश्न मनाएं और एकता को अपनाएं।”
“हम स्वतंत्रता और न्याय के साथ एक होकर खड़े होते हैं।”
“एक भारतीय होने पर गर्व है, हमारे इतिहास को अपनाते हुए।”
“स्वतंत्रता की भूमि, वीरों की जन्मभूमि।”
“आजादी में हम दहाड़ते हैं। एक साथ, हम ऊंची उड़ान भरते हैं।”
“पुराने का सम्मान करते हुए भविष्य को अपनाएं।”
स्वतंत्रता दिवस के लिए प्रेरणादायक कोट्स और कैप्शन

Independence Day Wishes

Independence Day Wishes|Unsplash

स्वतंत्रता दिवस पर अपने दोस्तों और परिवार को प्रेरित करने के लिए इन स्वतंत्रता दिवस के कोट्स और कैप्शन का इस्तेमाल करें:

“स्वतंत्रता, समानता, स्वाधीनता!”
“सपने देखने के लिए स्वतंत्र, हासिल करने के लिए भी स्वतंत्र!”
“अपनी आज़ादी का जश्न मनाते हुए, अपने भविष्य को गले लगाते हुए!”
“स्वतंत्रता: एक राष्ट्र का गौरव, एक जनता का गौरव!”
“स्वतंत्र और समान, गौरवान्वित और सशक्त!”
“अतीत का सम्मान, भविष्य का जश्न!”
“स्वतंत्रता का वादा, स्वतंत्रता की विरासत!”
“स्वतंत्रता में एकजुट, स्वतंत्रता पर गर्व!”
“स्वतंत्र और मुक्त, सशक्त और गौरवान्वित!”
“स्वतंत्रता का जश्न मनाना, बलिदान का सम्मान करना!”
स्वतंत्रता दिवस 2024 के लिए संदेश और शुभकामनाएं

स्वतंत्रता दिवस 2024 के अवसर पर, इन संदेशों का इस्तेमाल करके आप अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं भेज सकते हैं:

“हमारा राष्ट्र, हमारा गौरव। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!”
“कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है।”
“हमें अपनी समृद्ध विरासत और उज्जवल भविष्य पर गर्व है।”
“इस दिन हमारे बहादुर सैनिकों को सलाम।”
“एक राष्ट्र, एक हृदय, एक स्वप्न।”
“यह स्वतंत्र और बहादुरों की भूमि है।”
“भारत, हज़ार रंगों की भूमि।”
“विभिन्न जड़ों से हम एक होकर विकसित होते हैं।”
“स्वतंत्रता के 78 वर्ष का जश्न।”
“गर्व से तिरंगा फहराना।”
महात्मा गांधी के प्रसिद्ध नारे

Happy Independence Day

Happy Independence Day|Unsplash

महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके नारे आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं:

“करो या मरो।”
“भारत छोड़ो।”
“जहां प्रेम है वहां जीवन है।”
“भगवान का कोई धर्म नहीं है।”
“जहां पवित्रता है, वहीं निर्भयता है।”
“किसी की मेहरबानी मांगना, अपनी आजादी बेचना है।”
“कानों का दुरुपयोग मन को दूषित और अशांत करता है।”
“दिल की कोई भाषा नहीं होती, दिल-दिल से बात करता है।”
“मैं मरने के लिए तैयार हूं, पर ऐसी कोई वजह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूं।”
निष्कर्ष

स्वतंत्रता दिवस हमें हमारे वीरों की शहादत को याद करने और देशप्रेम की भावना को बल देने का अवसर प्रदान करता है। इन नारों, उद्धरणों और संदेशों का उपयोग करके आप इस दिन को और भी खास बना सकते हैं और दूसरों में देशभक्ति की भावना जगा सकते हैं। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ!

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