सुबह उठो, खाओ, फिर खाओ, रात में खाओ, देर रात मन कर जाए फिर खा लो और सो जाओ. फिर अगले दिन, उससे अगले दिन, हफ्ते,...
अपनी ज़िंदगी को बनाना या बिगाड़ना इंसान के अपने हाथ में होता है. एक अमीर इंसान भी अपनी लापरवाहियों की वजह से सड़क पर आ सकता...
सिलाई मशीन लगभग हम सभी ने देखी है. एक समय ओ ऐसा था जब हर दूसरे घर में ये मशीन देखने को मिल जाया करती थी....
आज भले ही आपको भारत की सड़कों पर अनगिनत महंगी कारें दौड़ती दिखती हों लेकिन एक समय ऐसा भी था जब लोगों के पास कारों के...
ऐसे कई नाम हैं जो हम अपने आसपास बचपन से सुनते आ रहे हैं. कई बार हमारे मन में ऐसे सवाल आते हैं कि आखिरकार इनके...
किसी भी बड़े बिजनेस साम्राज्य की शुरुआत हमेशा छोटे स्तर से ही होती है. बिजनेस की नींव रखने वाले अपना काम कर के चले गए, इसके...
देश की आज़ादी के लिए हजारों देशभक्तों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया लेकिन आजादी के 76 साल बाद तक भी बहुत से बलिदानी योद्धा ऐसे...
“ए सुनीता, देखो पगलिया बैठी है दुआर पर. कुछ बचा है तो दे दो खाने को. इसका भी ना जाने कौन जनम का कर्जा खाए हैं....
बुलेट बाइक का टशन आज भी बरकरार है. जवानी की रंगत में रंगने जा रहे लड़कों का आज भी सपना होता है कि उनके नीचे बुलेट...
शायद मैं तब दसवीं में पढ़ रहा था, जब पहली बार रामजीदास पुरी जी का लिखा उपन्यास ‘आखिर जीत हमारी’ पढ़ा था. ये उपन्यास उस समय...