आप किसी बड़े शहर के स्टेशन पर चले जाइए तो आप सही सही ये पहचान नहीं सकते कि कौन यहां का है और कौन बाहर से...
“ए सुनीता, देखो पगलिया बैठी है दुआर पर. कुछ बचा है तो दे दो खाने को. इसका भी ना जाने कौन जनम का कर्जा खाए हैं....
उसकी और उसके चॉकलेट वाले की कहानी ‘चॉकलेट’ भला किसे पसंद नहीं होता ये स्वाद. हम लड़कियां तो पागल होती हैं इसके लिए. एक चॉकलेट हमारे...
“हैप्पी रोज़ डे हीरो” कॉलेज की पार्क के बीचों बीच अपनी असाइनमेंट फाइल पर झुके विनीत के सर पर एक गुलदस्ते से मारते हुए श्रेया ने...
‘इस बार इतनी सर्दी कहां पड़ रही’ कहने के दो दिन बाद ही ‘इस बार तो सर्दी ने हद कर दी’ वाले बयान आने लगे थे....